देवकीनंदन ठाकुर
मैं हमेशा से बोलता रहा हूं, आगे भी बोलूंगा और सभी संतों के लिए बोलूंगा । ये एक ऐसा विषय है कि जब भी हिंदू साधु-संतों पर बात होती है तो उन्हें तुरंत अरेस्ट कर लिया जाता है । जब किसी मौलवी, फादर या किसी और के ऊपर आता है तो सब लोग चुप बैठ जाते हैं । भारत का कानून शांत हो जाता है । यहां तक कि वो शांति का गुरु बन जाता है उस समय । मुझे लगता है कि कहीं न कहीं हमारे कानून में जंग लग पड़ी है ।
स्वामी श्री शिव कुमार जी महाराज
बापूजी के आश्रम से एक पुस्तक प्रकाशित होती है जिसका नाम है दिव्य प्रेरणा प्रकाश । आप उस पुस्तक को पढ़िए, उस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपके मन में… क्योंकि मैंने भी उस पुस्तक को पढ़ा और उस पुस्तक को पढ़ते ही मेरी सारी शंकाएं दूर हो गई । मेरे मन में इस बात का जरा भी संशय नहीं रहा कि ये सारे आरोप झूठे हैं क्योंकि जिनकी लिखी हुई पुस्तक को पढ़ते ही मन में इतना प्रकाश जागृत हो सकता है, मन में इतनी प्रेरणा आ सकती है कि नहीं.. अब हम भी ब्रह्मचर्य की तरफ अग्रसर हों, हम भी एक संयमित जीवन जिएं, ऐसा संत.. जिनकी वाणी में, जिनके लेखन में इतनी शक्ति हो, वो संत… जब तक उनके जीवन में ये सारी बातें खुद न होती तो वो इतना प्रभावशाली लेख नहीं लिख सकते थे, वो लेख इस तरह से लोगों पर प्रभाव नहीं डाल सकते थे तो मेरा आप सबसे निवेदन है कि आप भी उस पुस्तक को पढ़िए उस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपके मन की ये शंका भी अपने आप दूर हो जायेगी ।
स्वामी श्री शिव कुमार जी महाराज
संस्थापक : राष्ट्र प्रथम संगठन
कमलेश भाई शास्त्री
आज भी पता नहीं किन-किन साधुओं को जेल में डाल दिया गया है व्यवस्थाओं के द्वारा और जिनको आपने जिस गुनाह में जेल में डालकर रखा है उनसे ज्यादा गुनहगार तो बाज़ार में यूं ही घूम रहे हैं, तुम्हारी सरकारें कर क्या रही हैं ?
85 से 90 वर्ष की उम्र में आशाराम बापू… फिल्म सिटी के लोग तो गुनाह करके बाहर घूम रहे हैं, राजनेता गुनाह करके बाहर घूम रहे हैं और संतों को तुमने अंदर डाल रखा है, शर्म आनी चाहिए सरकार को भी।
सबसे बड़ी एक बात सुन लेना आज । सबसे बड़ा धर्मांतरण ईसाइयत मिशनरी में अगर किसी ने रोका है, तो उसका पूरा श्रेय आशाराम बापू को जाता है। जब समाज में कोई नहीं जगा था और आपको और हमें पता भी नहीं था कि ये ईसाइयत किस हद तक चल रही है तब एक मात्र साधु भारत का ऐसा था जिसने उठकर खड़े होकर भारत के सनातनियों को लाखों की तादाद में वापस हिन्दू बनाया ।
कमलेश भाई शास्त्री
चित्रकूट धाम ।